Thursday, January 30, 2025

देव दिवाली एवं गुरुनानक जयंती के अवसर पर अटूट लंगर प्रसादी ग्रहण सैकड़ों ने किया । एक संगत और एक पंगत भ्रातृत्व प्रेम को जागृत करता हैं

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गुरू नानक देव जी के 555 वे प्रकाशोत्सव पर कोसा, कांसा एवं कंचन की नगरी चांपा में गुरुद्वारा साहिब सोझी घाट, सिंधू भवन सिंधी कालोनी तथा सिक्ख समुदाय में कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ा आस्था का सैलाब सैकड़ों लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा करके शोभायात्रा का स्वागत किया । इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया । यह शोभायात्रा नगर के प्रमुख चौक-चौराहे से होते हुए सिक्ख और सिंधी समाज के तीनों गुरुद्वारा तक पहुंची । सभी वर्ग के लोगों ने धर्मनिरपेक्षता का परिचय देते हुए जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत-सत्कार किया । कार्तिक पूर्णिमा के दुसरे दिन भी सिक्ख गुरुद्वारा तहसील रोड चांपा पहुंचकर गुरु ग्रंथ साहिब के सामने शीश झुकाकर लंगर प्रसाद ग्रहण किया ।

एक संगत और एक पंगत का संदेश भ्रातृत्व प्रेम को जागृत करता हैं ।

अटूट लंगर का आयोजन सिक्ख समाज चांपा के गुरुद्वारा में दिनांक 17 नवंबर को दोपहर एक बजे से प्रारंभ हुआ । एक दिन पहले शोभायात्रा में सिक्ख समुदाय के पांच लोगों को पंच प्यारे बनाकर अमृत छकाया और लोगों ने छका तथा चांपा नगर भ्रमण करते हुए यह संदेश दिया कि नगर में अनेक जातियां और पंथ होने के बाद भी सब एकता व भाई-चारे के साथ रहते हैं । दोपहर एक बजे से प्रारंभ लंगर में प्रसादी ग्रहण करने पूर्व नपाध्यक्ष चांपा राजेश अग्रवाल, प्रदीप नामदेव, नपाध्यक्ष जय थवाईत, पार्षद नागेंद्र गुप्ता, संतोष सिंह जब्बल, कुलवंत सिंह जब्बल, राजन गुप्ता, अध्यक्ष ब्लाक कांग्रेस कमेटी चांपा सुनील साधवानी, डॉ कुलवंत सिंह सलूजा ,सचिव मूलचंद गुप्ता,विक्रम तिवारी गौरव गुप्ता, संतोष देवांगन मीडिया प्रभारी शशिभूषण सोनी, डॉ रविंद्र कुमार द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे । इस दौरान सत्संग का भी आयोजन किया गया । सिक्ख धर्म के द्वारा नवनिर्मित गुरुद्वारा में गुरू नानक देव जी के उपदेशों और शिक्षाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया ।
इसके एक दिन पहले आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई । इस दौरान पंच प्यारों की वेश-भूषा में सुसज्जित झांकी आकर्षक का केन्द्र रही ।

ईश्वर एक हैं और उसके संतान मनुष्य सभी प्राणियों में श्रेष्ठ हैं – शशिभूषण सोनी ।

साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि सत्य सर्वोपरि हैं ,सत्य का आचरण उससे भी बढ़कर हैं । ईश्वर एक हैं , उसकी संतान मानव समस्त प्राणियों में श्रेष्ठ हैं । जिस प्रकार ईश्वर एक हैं ,उसी प्रकार मानव मात्र भी एक हैं । हिंदू-मुस्लिम का भेद उसके लिए लिए कुछ नहीं हैं । धर्म महज़ शब्दों से नही बना हैं , बल्कि जो व्यक्ति अन्य सबको समान दृष्टि से देखता हैं , वही सर्वोत्तम हैं । आज गुरुसिंग सभा गुरुद्वारा चांपा में सभा के दौरान गुरु नानक देव जी की वाणी सुन कर आत्म विभोर हो गया । सिक्ख धर्म के प्रथम गुरू गुरुनानक जी की जयंती के दूसरे दिन लंगर में शामिल होकर भोग प्रसाद ग्रहण किया ।

गुरु घर पहुंचकर नन्ही-सी बच्ची शिवी स्वर्णकार ने की श्रीगुरु ग्रंथ साहिब जी का दर्शन , माथा टेकी और अरदास की ।

आज़ गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा तहसील रोड, चांपा में गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व की ख़ुशी में प्रेस क्लब चांपा अध्यक्ष डॉ कुलवंत सिंह सलूजा, सचिव मूलचंद गुप्ता, विक्रम तिवारी , संतोष देवांगन, बलराम पटेल , डॉ रविंद्र द्विवेदी तथा साहित्यकार शशिभूषण सोनी के साथ छोटी-सी बच्ची शिवान्या ऊर्फ शिवी स्वर्णकार स्वर्णकार पिता डॉ अमित स्वर्णकार सुप्रसिद्ध दंत चिकित्सक ने गुरु घर पहुंचकर माथा टेका और बैठकर अरदास की ।

गुरु ग्रंथ साहिब की पवित्र वाणी अलौकिक और आध्यात्मिक सुख प्रदान करने वाली हैं – डॉ कुलवंत सिंह सलूजा ।

डॉक्टर कुलवंत सिंह सलूजा ने कहा कि गुरुग्रंथ साहिब की पवित्र वाणी वाहेगुरु जी की प्रशंसा हैं , अकाल पुरख का नाम हैं । गुरुग्रंथ साहिब का दर्शन करने मैं प्रतिदिन सुबह जाता हूं , घर के सामने ही गुरुद्वारा हैं । गूरुग्रंथ साहिब के 1430 पृष्ठ हैं और संपूर्ण वाणी 31 रागों में हैं । यह अलौकिक वाणी ही गुरु वाणी हैं, इसके श्रवण से आध्यात्मिक सुख प्राप्त होता हैं ।

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