गरियाबंद जिले में चुनाव की ट्रेनिंग लेने पहुंच रहे मतदानकर्मियों की एक वायरल तस्वीर सामने आई हैं। जिसमें कर्मियों को पूरे ट्रेनिंग के दौरान केवल 100 ग्राम पोहा व 30 एमएल चाय दिया जा रहा है। इसपर अफसरों का कहना है कि बजट का प्रावधान नहीं है, फिर में जिला प्रशासन चाय नाश्ता उपलब्ध करा रही है।
छत्तीसगढ़ में आगामी 7 व 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग अपनी तरफ से पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। वहीं दूसरी ओर दूर दराज ब्लॉक से चुनाव की ट्रेनिंग लेने पहुंच रहे कर्मियों के लिए आयोग के मद में भोजन-पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
अपने पैसों से भी नहीं कर पा रहे भोजन
दरअसल, जिला मुख्यालय के विभिन्न भवन में एक शिफ्ट में 1500 से ज्यादा कर्मी चुनाव का प्रशिक्षण लेने पहुंच रहे हैं। सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में उन्हें सुबह 30 एमएल चाय और फिर लंच के समय 100 ग्राम पोहा दिया जा रहा है।
सख्ती इतनी कि उन्हें ट्रेनिंग छोड़ अपने पैसे से भोजन के लिए बाहर जाने तक का समय नहीं दिया जाता। बाथरूम आने पर भी उन्हें रोकना पड़ रहा है। सीमित बजट के बीच चल रहे इस प्रशिक्षण से कर्मचारी आहात हैं, लेकिन वे खुलकर सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
मतदानकर्मियों का छलका दर्द
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने कर्मियों से संपर्क किया गया तो उनका दर्द छलकते दिखा। कर्मियों ने नाम पता उजागर नहीं करने के शर्त पर कहा कि उन्हें आयोग ने उस निर्जीव वाहन की तरह अधिग्रहण कर लिया है जिसे जब चाहे तब चलाया जाता है। वाहनों में पर्याप्त डीजल का भी प्रावधान हैं पर यहां मानव मूल्यों को मशीन से कम आंक दिया गया है।