Tuesday, December 2, 2025

PM Modi : नए BNS, BSA और BNSS कानूनों पर जागरूकता अभियान की जरूरत

PM Modi , रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित DGP–IGP की 60वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ हुआ। तीन दिनों तक चली इस राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस की थीम “विकसित भारत: सिक्योरिटी डाइमेंशन्स” रखी गई थी, जिसमें पूरे देश से शीर्ष पुलिस अधिकारी, सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख और इंटेलिजेंस विशेषज्ञ शामिल हुए।

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सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के कई वरिष्ठ अफसरों को प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से सम्मानित किया। यह सम्मान आंतरिक सुरक्षा, खुफिया संचालन, राष्ट्रीय हितों की रक्षा और आतंकवाद-निरोधक कार्रवाई में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दिया गया। PM ने कहा कि IB के अधिकारी अदृश्य रहते हैं लेकिन देश की सुरक्षा में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण होती है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत विकास के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में पुलिसिंग का तरीका भी आधुनिक, तकनीकी और जनसहभागितापूर्ण होना चाहिए। उन्होंने देशभर की पुलिस को प्रोफेशनलिज़्म, सेंसिटिविटी और रिस्पॉन्सिवनेस बढ़ाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि पुलिस के प्रति लोगों की धारणा बदलने की तुरंत जरूरत है, विशेषकर युवाओं के बीच।

PM मोदी ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर फोकस करने की आवश्यकता बताई—

  • अर्बन पुलिसिंग को मज़बूत करने, ताकि तेजी से बढ़ते शहरों में कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में सुधार आए।

  • टूरिस्ट पुलिस को पुनर्जीवित करने, जिससे देश में पर्यटन को सुरक्षा और भरोसे का माहौल मिले।

  • नए बनाए गए भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया, ये सभी पुराने औपनिवेशिक कानूनों की जगह लेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते समय के साथ अपराध का स्वरूप भी बदल रहा है—साइबर अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी, एआई-आधारित फेक कंटेंट जैसे खतरों से निपटने के लिए पुलिस को नई तकनीक, आधुनिक प्रशिक्षण और मजबूत इंटेलिजेंस नेटवर्क की जरूरत है। उन्होंने राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाने और सूचनाओं के आदान-प्रदान को तेज करने पर बल दिया।

सम्मेलन में सीमा सुरक्षा, आतंकी नेटवर्क, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में परिवर्तन, ड्रोन और एआई आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम, और भविष्य की पुलिसिंग के मॉडल पर भी विस्तार से चर्चा हुई। अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मेलन देश की सुरक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने वाला साबित होगा।

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