साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने कहा कि यह एक बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण कविता हैं जो कि बेटियों के महत्व और उनकी खुशियों को व्यक्त करती हैं । कविता में बेटियों को ” खुशियों की झूमतीं फूलवारी ” और ” एक-एक मुस्कानों में इनकी अपनी दुनियां सारी ” कहा गया हैं , जो उनकी खुशियों और सुंदरता को दर्शाता हैं । कविता में यह भी कहा गया हैं कि ‘ हज़ार बेटों से बढ़कर एक बिटिया होती हैं जग में ‘ जो कि बेटियों के महत्व और उनकी अनमोलता को दर्शाता हैं । कविता के अंत में, श्रीमति शांता महेंद्र गुप्ता अध्यक्ष केसरवानी महिला समिति चांपा की जुडूवा बेटी दिव्या और नव्या नामक बेटियों के चंचल मुखड़े को वर्णित किया गया हैं, जो उनकी खुशियों और सुंदरता को दर्शाता हैं। बेटी दिवस के परिप्रेक्ष्य में बेटियों के प्रति प्रेम, सम्मान और आदर को व्यक्त करती हैं और उन्हें एक अनमोल उपहार के रूप में देखती हैं ।
प्रस्तुति – शशिभूषण सोनी