वाशिंगटन: रूस-यूक्रेन युद्ध के ढाई वर्ष से अधिक समय बीत चुके हैं। मगर अभी तक यह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। मंगलवार को रूसी परमाणु चीफ की मॉस्को में हत्या के बाद अब रूस के लिए यूक्रेन से लड़ने वाले 200 से अधिक उत्तर कोरियाई सैनिकों को मार गिराने के दावे से क्रेमिलन में हड़कंप मच गया है। दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन के विरूद्ध रूसी सैन्यबलों के साथ मिलकर लड़ रहे उत्तर कोरिया के करीब 200 सैनिक कुर्स्क सीमावर्ती क्षेत्र में इस युद्ध में मारे गये या घायल हुए हैं।
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी देकर खलबली मचा दी है। हालांकि अधिकारी ने स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि कितने लोग मारे गए हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि उत्तर कोरियाई सेना युद्ध में अनुभवी नहीं लगती, जिसके कारण उनके हताहत होने की संख्या में वृद्धि हुई है। वह उत्तर कोरिया के हताहत सैन्यकर्मियों के बारे पहला महत्वपूर्ण अनुमान बता रहे थे। कई सप्ताह पहले यूक्रेन ने यह कहा था कि उत्तर कोरिया ने लगभग तीन साल से चल रहे युद्ध में मदद के लिए रूस को 10,000 से 12,000 सैनिक भेजे हैं।
ह्वाइट हाउस के अनुसार फ्रंट फुट पर यूक्रेन से लड़ रहे उत्तर कोरियाई सैनिक
‘व्हाइट हाउस’ और ‘पेंटागन’ ने सोमवार को पुष्टि की कि उत्तर कोरियाई सेना मुख्य रूप से पैदल सेना के तौर पर अग्रिम मोर्चे पर यूक्रेन में लड़ रही है। वह रूसी इकाइयों के साथ और कुछ मामलों में कुर्स्क के आसपास स्वतंत्र रूप से लड़ रही है। हताहतों की संख्या का खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब बाइडेन प्रशासन नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पदभार संभालने से पहले यूक्रेन को यथासंभव सैन्य सहायता भेजने पर जोर दे रहा है। लेकिन एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि रक्षा विभाग संभवतः 20 जनवरी से पहले यूक्रेन के लिए 5.6 अरब डॉलर के पेंटागन के हथियारों और उपकरणों के बाकी हिस्से को भेजने में सक्षम नहीं होगा, जब ट्रम्प शपथ लेंगे।