Shakuntala Singh Porte, छत्तीसगढ़ l छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है। प्रतापपुर विधानसभा की कांग्रेस विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। इस बार उन पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़ने और जीतने का आरोप लगाया गया है। मामला सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
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आदिवासी समाज ने लगाया गंभीर आरोप
आदिवासी समाज के नेताओं का कहना है कि विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते ने कूटरचित (Fake) जाति प्रमाणपत्र बनवाकर अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा। समाज का दावा है कि वह वास्तव में आदिवासी समुदाय से नहीं हैं, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए खुद को ST वर्ग का बताकर चुनाव मैदान में उतरीं।
आदिवासी संगठन ने खोला मोर्चा
इस मामले में आदिवासी समाज के कई संगठनों ने एकजुट होकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी आरक्षण के अधिकारों के साथ धोखा है। संगठन के पदाधिकारियों ने जिला प्रशासन और निर्वाचन आयोग से जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
राजनीतिक हलचल तेज
आरोप सामने आने के बाद से राजनीतिक माहौल गरम हो गया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ उठाते हुए कहा कि जनता के साथ धोखा करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। कई नेताओं ने विधायक के इस्तीफे की मांग भी की है।
जांच की मांग
आदिवासी संगठनों ने कहा कि यदि जांच में प्रमाणपत्र फर्जी साबित होता है, तो विधायक की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
विधायक का पक्ष अभी सामने नहीं
इस विवाद पर अब तक विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि वह जल्द ही मीडिया के सामने अपना पक्ष रख सकती हैं।
चुनावी सियासत में नया मोड़
इस आरोप ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया भूचाल ला दिया है। यह मामला न केवल विधायक की साख पर सवाल उठाता है, बल्कि आरक्षित सीटों की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़ा करता ह

