लखनऊ: हाल ही में संसद में यह मुद्दा उठा था कि ट्रेनों में कंफर्म सीट मिलती ही नहीं. वेटिंग टिकट वाले यात्री किसी भी कोच में जबरन भर जाते हैं ऐसे में जिनकी सीट कंफर्म भी होती है उन्हें भी यात्रा करने में दिक्कत होती है. रोज ट्रेनों में कंफर्म टिकट वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रेलवे प्रशासन को हर रोज ऐसी शिकायतें मिल रही हैं. संसद में मुद्दा गरमाने के बाद अब रेलवे प्रशासन हरकत में आ गया है. ऐसे में अब वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर कोच में सफर करने वाले सावधान हो जाएं. अब वह वेटिंग टिकट से स्लीपर में सफर नहीं कर सकते हैं. रेलवे की ओर से इस पर सख्ती शुरू कर दी गई है. जुर्माना लगाने के साथ ही जनरल कोच में भी शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं, वेटिंग टिकट से जुड़े कुछ सवालों के जवाब भी यात्री खोज रहे हैं. आपको बता दें कि रेलवे का यह रूल नया नहीं है. यह रूल अंग्रेजों के जमाने से चला रहा आ रहा है, बस इसका पालन अब सख्ती से शुरू हो गया है.
अब विंडो वेटिंग टिकट से नहीं कर सकेंगे स्लीपर में सफर
अगर यात्री ने ऑनलाइन वेटिंग टिकट लिया है तो कन्फर्म न होने पर ऑटोमेटिक टिकट कैंसिल हो जाता है और पैसा रिफंड हो जाता है, लेकिन अभी तक लोगों को यही लगता है कि विंडो से अगर वेटिंग टिकट भी ले लेते हैं तो भी ट्रेन के स्लीपर कोच में यात्रा के हकदार हो जाते हैं. वास्तविकता में ऐसा है बिल्कुल नहीं. रेलवे ने फिर कंफर्म किया है कि विंडो का वेटिंग टिकट भी स्लीपर कोच में यात्रा की अनुमति नहीं देता है. इस टिकट से जनरल कोच में ही सफर किया जा सकता है. ऐसे में अगर किसी ने वेटिंग टिकट लेकर ट्रेन के शयनयान कोच में सफर किया तो वह सजा का हकदार होगा.