Monday, July 7, 2025

कर्नाटक में ‘हनुमान ध्वज’ हटाने को लेकर बवाल जारी, PDO सस्पेंड; BJP बोली- फिर से लगाओ

मांड्या: कर्नाटक के मांड्या में 108 फुट ऊंचे ध्वजस्तंभ से ‘हनुमान ध्वज’ हटाने को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच ध्वज फहराने का मौका देने की वजह से मांड्या जिले के केरागोडु गांव के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (PDO) को निलंबित कर दिया गया है। मांड्या जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेख तनवीर आसिफ ने सोमवार को जारी आदेश में कहा है कि केरागोडु गांव में केवल भारतीय ध्वज तिरंगा फहराने की इजाजत दी गई थी। आदेश में कहा गया है कि PDO ने न केवल लोगों को हनुमान ध्वज फहराने का मौका दिया बल्कि इसे हटाने के लिए भी कदम नहीं उठाया।

BJP और JDS ने किया प्रदर्शन

पंचायत उपमंडल अधिकारी ने 28 जनवरी को तहसीलदार और पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर ध्वज हटा दिया जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई और इसके लिए PDO को जिम्मेदार ठहराया गया। विपक्षी दल BJP और उसके सहयोगी JDS ने मांड्या में हनुमान ध्वज को हटाए जाने के विरोध में और उसे फिर से लगाए जाने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जिसके कारण सोमवार को सुरक्षा बढ़ा दी गई। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने विपक्षी BJP और JDS पर आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस मुद्दे पर लोगों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

भीड़ पर किया गया था लाठीचार्ज

पुलिस ने रविवार को केरागोडु गांव में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया था। बाद में प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में हनुमान ध्वज की जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को भगवा झंडे थामे ‘जय श्री राम’ के नारों के बीच केरागोडु से मांड्या के जिला मुख्यालय में उपायुक्त कार्यालय तक लगभग 14 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए मार्च किया। उन्होंने कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे भी लगाये। प्रदर्शनकारियों में BJP नेता सी. टी. रवि और प्रीतम गौड़ा तथा JDS नेता सुरेश गौड़ा और के. अन्नदानी शामिल थे।

डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर के पास इकट्ठा हुए लोग

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही मार्च मांड्या शहर पहुंचा, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के लाठीचार्ज का सहारा लिया क्योंकि कुछ कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर सीएम सिद्धरमैया और अन्य कांग्रेसी नेताओं की तस्वीर वाले एक फ्लेक्स बोर्ड को गिराने की कोशिश की। बाद में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर के पास इकट्ठा हुए जहां बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी और बैरिकेड लगाए गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी सहित रवि और JDS नेताओं ने भीड़ को संबोधित किया।

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