तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भी इसका विशेष महत्व है, क्योंकि इसे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। इसे साक्षात माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए इसकी सही दिशा और देखभाल घर में सुख-शांति लाती है।
वास्तु के नियमानुसार, तुलसी के पौधे को हमेशा साफ-सुथरा रखें और इसके पास कभी भी झाड़ू, जूते या कूड़ादान नहीं रखना चाहिए। साथ ही तुलसी के पौधे को सही दिशा और सही तरीके से लगाना जरूरी है, ताकि इसके पूरे लाभ मिल सकें। आइए जानते हैं वास्तु के वो नियम, जो तुलसी के पौधे को घर में लगाते समय ध्यान में रखने चाहिए।
सही दिशा का चयन करें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा घर की उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है और इसे ईशान कोण कहा जाता है। इस दिशा में तुलसी लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। अगर उत्तर-पूर्व दिशा में जगह न हो, तो पूर्व दिशा भी एक अच्छा विकल्प है।
तुलसी के पौधे की देखभाल
वास्तु के अनुसार, तुलसी का पौधा हमेशा साफ और स्वस्थ होना चाहिए। मुरझाया हुआ या सूखा पौधा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इसलिए, नियमित रूप से पौधे की देखभाल करें, उसे पानी दें और सूखे पत्तों को हटाएं। तुलसी को गमले में लगाएं और इसे जमीन से थोड़ा ऊंचा रखें, ताकि यह आसानी से सूर्य की रोशनी प्राप्त कर सके।
तुलसी की पूजा और वास्तु नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी की पूजा रोजाना करनी चाहिए। सुबह स्नान के बाद तुलसी को जल अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करते हुए परिक्रमा करें।
एकादशी तिथि न करें ये काम
रविवार और एकादशी तिथि को तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। वास्तु में यह भी सलाह दी जाती है कि तुलसी के पौधे को घर की मुख्य दहलीज से दूर रखें, ताकि ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो।