Wednesday, September 17, 2025

हम उन्हें वापस नहीं ला सकते, मुख्तार अंसारी की मौत पर क्यों बोला सुप्रीम कोर्ट?

नई दिल्ली : गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। उमर ने याचिका में कहा था कि  जेल में उनके पिता की मौत स्वाभाविक नहीं थी बल्कि उन्हें जहर दिया गाय था और इलाज से इनकार कर दिया गया था। अंसारी की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे। नोटिस जारी करते हुए जस्टिस ऋषिकेष रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कहा, अब हम उन्हें वापस नहीं ला सकते। याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ जैसी स्थिति की आशंका जताई थी।

बता दें कि मऊ सदर से पांच बार के विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा जेल में मौत हो गई थी। बताया गाय था कि हार्ट अटैक की वजह से उनकी जान चली गई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट मुख्तार अंसारी की जिस याचिका पर सुनवाई कर रहा था वह 2023 में जारी की गई थी जिसमें मुख्तर की हत्या की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की गई थी। इस मामले में कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, हमें जिस बात का डर था, वही हुआ।

इसपर बेंच ने कहा, हम उन्हें वापस नहीं ला सकते। यह आप अच्छी तरह जानते हैं। याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ जैसी स्थिति की आशंका जताई थी। कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए और किसी भी इंसान के साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। इसके बाद कपिल सिब्बल ने याचिका में संशोधन का आवेदन दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वह इसपर जवाब दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।

सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता के पिता को जेल के खाने में जहर दिया गया था। इसके अलावा उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद भी उनका इलाज नहीं करवाया गया। इस वजह से उनकी मौत हो गई। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि मुख्तार अंसारी की सुरक्षा के लिए उन्हें यूपी के बाहर की किसी जेल में शिफ्ट किया जाए। बता दें कि मुख्तार अंसारी को 2005 में जेल हुई थी। मौत के बाद ऑटोप्सी रिपोर्ट में भी हार्ट अटैक को ही मौत का कारण बताया गया था। डॉक्टरों ने कहा था कि उनके विसरा में कोई भी जहर नहीं पाया गया है।

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