Friday, October 11, 2024

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव : हिंसा में 12 लोगों की मौत, राजनीतिक पार्टियों के बीच जुबानी जंग

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पश्चिम बंगाल में शनिवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा में 12 लोग मारे गए. अधिकारियों ने बताया कि मतदान के दौरान मतपत्र क्षतिग्रस्त किए गए और कई गांवों में विरोधी गुटों ने एक-दूसरे पर बम फेंके. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का लंबा इतिहास रहा है. 2003 के पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में 76 लोगों की मौत हुई थी और अकेले मतदान वाले दिन 40 लोग मारे गए थे.

पिछले महीने चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद से पश्चिम बंगाल में 30 लोग मारे गए. इससे पहले 2018 के चुनाव में भी इतनी ही संख्या में लोगों की मौत हुई थी.

हिंसा के कारण राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि मध्यरात्रि से हिंसा में मारे गए लोगों में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के आठ सदस्य, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के एक-एक कार्यकर्ता शामिल हैं.

चुनाव को विश्लेषकों द्वारा 2024 के संसदीय चुनावों के लिए ‘परीक्षा’ के रूप में देखा जा रहा है. शनिवार को मतदान के दौरान मतपेटियों की चोरी और जलाए जाने तथा राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ जनता के गुस्से के दृश्य भी देखे गए. मुर्शिदाबाद, नदिया और कूच बिहार जिले के अलावा दक्षिण 24 परगना के भांगर और पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम में हिंसा हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ था और लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा. उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे तक 66.28 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

मतदान के गति पकड़ने के साथ राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. टीएमसी की वरिष्ठ मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है. भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी.” उन्होंने केंद्रीय बलों की भूमिका पर भी सवाल उठाए.

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने मांग की है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न होना बहुत मुश्किल है. यह तभी संभव है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए या अनुच्छेद 355 का इस्तेमाल किया जाए.”

हालांकि, टीएमसी ने एक बयान में कहा, ‘‘यदि तृणमूल कांग्रेस वास्तव में हिंसा भड़काती है, तो उनके कार्यकर्ताओं को निशाना क्यों बनाया जाता और उनकी हत्या क्यों की जाती है? विपक्ष ने हार मान ली है और अब वह मीडिया में अपने सहयोगियों का इस्तेमाल करके यह कहानी गढ़ने का प्रयास कर रहा है कि हिंसा ने चुनाव को किस तरह प्रभावित किया.”

बयान में कहा गया कि पूरे पश्चिम बंगाल में 60 हजार से अधिक बूथ हैं लेकिन केवल 60 बूथ पर ही मतदान प्रक्रिया के दौरान व्यवधान पड़ा है.

इस बीच, कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने कहा कि उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक अभ्यावेदन देकर उस याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में शनिवार के पंचायत चुनावों को हिंसा एवं हत्या की घटनाओं के कारण अमान्य घोषित करने का आग्रह किया गया है.

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना के विभिन्न इलाकों का दौरा कर हिंसा में घायल लोगों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं. बोस ने पत्रकारों से कहा, ‘‘रास्ते में लोगों ने मुझसे मेरा काफिला रोकने का अनुरोध किया. बताने के लिए बहुत सारी कहानियां हैं, उन्होंने मुझे अपने आस-पास हो रही हत्या की घटनाओं के बारे में बताया.”

राज्यपाल ने कहा, ‘‘उन्होंने (लोगों ने) यह भी कहा कि गुंडों ने उन्हें मतदान केंद्रों पर जाने की अनुमति नहीं दी और पीठासीन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी. ये छिटपुट मामले हैं, लेकिन खून-खराबे की एक भी घटना हम सभी के लिए चिंता का कारण होनी चाहिए.”

राज्यपाल ने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र के लिए सबसे पावन दिन है. ये छिटपुट घटनाएं हैं, लेकिन इन पर विराम लगना चाहिए.”

अधिकारियों के अनुसार, कूचबिहार जिले की फलीमारी ग्राम पंचायत में भाजपा के मतदान एजेंट माधव बिस्वास की कथित तौर पर हत्या कर दी गई.

भाजपा ने आरोप लगाया कि जब बिस्वास ने मतदान केंद्र में प्रवेश करने की कोशिश की, तो तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने उन्हें रोका और विवाद बढ़ने पर उन्होंने बिस्वास की हत्या कर दी. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है.

पुलिस के अनुसार, उत्तरी 24 परगना जिले के कदंबगाछी इलाके में शुक्रवार देर रात एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक को पीट-पीटकर मार डाला गया. पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखर्जी ने पत्रकारों से कहा कि 41 वर्षीय अब्दुल्ला अली की मौत हो गई है. लेकिन बाद में बारासात अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि अली गंभीर रूप से घायल है और वह वेंटिलेटर पर है, उसकी मौत नहीं हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि उत्तर दिनाजपुर के गोलपोखर में टीएमसी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई, जहां टीएमसी पंचायत प्रमुख के पति की मौत हो गई.

अधिकारियों ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के कापासडांगा इलाके में देर रात चुनाव संबंधी हिंसा में तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान बाबर अली के रूप में हुई है.

जिले के खारग्राम इलाके में तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई, जिसकी पहचान सबीरूद्दीन एसके के रूप में हुई है.

टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया कि कूचबिहार की तूफानगंज 2 पंचायत समिति में उसका एक बूथ समिति सदस्य भाजपा के हमले में मारा गया.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मालदा जिले में कांग्रेस समर्थकों के साथ झड़प में टीएमसी के एक नेता का भाई मारा गया. उन्होंने बताया कि घटना मानिकचक थाना क्षेत्र के जिशारतटोला में हुई और मृतक की पहचान मालेक शेख के रूप में की गई है. टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया कि नदिया के छपरा में उसके एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई.

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