नई दिल्ली : एमएसपी सहित अपनी मांगों को लेकर किसान रविवार को एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी कर रहे हैं। लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने शुक्रवार को दिल्ली कूच किया था। हालांकि रास्ते में हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया और उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इसके बाद किसानों ने 48 घंटे के लिए अपना मार्च रोक दिया था। हालांकि रविवार को एक बार फिर 101 किसानों की अगुआई में मार्च शुरू करने का ऐलान किया गया है। इन किसानों को मरजीवदास (जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार) नाम दिा गया है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली कूच की अगुआई करने जा रहे इस ग्रुप में अलग-अलग संगठनों के किसान नेता शामिल हैं। शुक्रवार के मार्च में भी ये सभी शामिल थे। हरियाणा पुलिस की कार्रवाई में 15 किसान घायल हो गए थे। शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के सरवन सिंह पंधेर ने कहा, हम इंतजार कर रहे थे कि केंद्र सरकार हमें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी। लेकिन अब तक हमें सरकार की तरफ से कोई भी संदेश नहीं मिला है। इसलिए हम फिर से राजधानी के लिए कूच करेंगे। इस बार भी हम पैदल ही यात्रा करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों ने अपनी मांग का चार्टर शुक्रवार को हरियाणा पुलिस को सौंप दिया था। इसके बाद पुलिस ने कहा था कि उनके चार्टर को केंद्र सरकार के पास भेज दिया जाएगा। किसानों का कहना है कि अंबाला में किसानों को टारगेट करने के लिए ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 लगा दी गई। बता दें कि पहदले सीआरपीसी में यह धारा 144 थी।
किसान नेता गुरमनीत मंगत ने कहा कि अंबाला प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए ही धारा 163 लगाई है। प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई पर पंधेर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार का पर्दाफाश हो गया है।
पंधेर ने कहा, “उन्होंने कल क्या किया? लोग इस कार्रवाई से नाराज हैं। लोग भाजपा से पूछ रहे हैं कि चूंकि किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जा रहे थे, तो उन्हें आगे क्यों नहीं बढ़ने दिया गया। खनौरी बॉर्डर पर एक और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। किसानों का दावा है कि डल्लेवाल का आठ किलो वजन कम हो गया है। इस बीच, हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस प्रमुख को भेजे पत्र में कहा, ‘आपके संज्ञान में लाया जाता है कि छह दिसंबर को जब किसानों का जत्था हरियाणा की सीमा की ओर बढ़ा तो कई मीडियाकर्मी भी उनके साथ थे, जबकि अनुरोध किया गया था कि मीडियाकर्मियों को प्रदर्शन स्थल के पास नहीं आने दिया जाए।’
पत्र में कहा गया है, ‘इसके कारण हरियाणा पुलिस को सीमा पर कानून-व्यवस्था की स्थिति को संभालने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।’ पत्र में कहा गया है, ‘इसलिए आपसे पुनः अनुरोध है कि आप सभी संबंधित पक्षों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दें कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा तथा उनकी आवश्यकताओं के हित में उन्हें सुरक्षित दूरी (न्यूनतम एक किलोमीटर) पर रोका जाए।’