उत्तर प्रदेश: दुनिया के सबसे बड़े मेले के रूप में प्रख्यात 45 दिवसीय महाकुंभ मेला सोमवार से प्रयागराज में गंगा नदी के तट पर शुरू होने जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से साधु-संतों और अन्य लोगों सहित 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।
लगभग चार हजार हेक्टेयर भूमि पर फैले और 25 सेक्टरों में विभाजित इस वर्ष के महाकुंभ को बहुत शुभ माना जा रहा है, क्योंकि ज्योतिषियों के अनुसार 144 वर्षों के बाद एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बनने जा रहा है।
पेंटून पुल और चेकर्ड प्लेट सड़कें श्रद्धालुओं से भरी हुई थीं, जो मेले का हिस्सा बनने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से चौबीसों घंटे आते रहे। इन पुलों और सड़कों पर कल्पवासियों और अन्य श्रद्धालुओं द्वारा लाए गए घरेलू सामान से लदे ट्रैक्टरों समेत वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। मेला प्रशासन ने मेले के सुचारू संचालन के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं और मेला क्षेत्र के साथ-साथ प्रयागराज शहर और आसपास के स्थानों पर अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर सेक्टर में 20 बेड का अस्पताल और एक केंद्रीय अस्पताल है। स्नान के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 50 स्नान घाटों पर 300 से अधिक गोताखोरों को तैनात किया गया है।
मेला क्षेत्र में चार जल एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं। यूपी पुलिस प्रमुख प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ में सात स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिसमें 70 जिलों के एनएसजी कमांडो और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। भीड़ की प्रभावी निगरानी के लिए मेले में एआई संचालित कैमरे, ड्रोन और एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए जा रहे हैं। संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए स्पॉटर्स के अलावा सिविल पुलिस के पंद्रह हजार जवानों को महाकुंभ में तैनात किया गया है।