Sunday, June 8, 2025

ग्रामीण परिवेश में संचालित सर्वसुविधा युक्त आंग्ल पद्धति के विद्यालय के छात्र पाटी गयी राखड़ से बेहद परेशान-अभिवावको में भी गहन आक्रोश व्याप्त

कोरबा-चांपा सड़क मार्ग पर अंचल की सर्वाधिक आस्था स्थलीय मड़वारानी मंदिर के निकट ग्राम खरहरकुड़ा एवं आसपास के अन्य ग्राम में निवासरत एक बड़ी आबादी इन दिनों एक अजीब सी असुविधा से चिन्तित हैं। क्योंकि वहा पर कोरबा अंचल के समाजसेवी पीएमजेएफ लायन डॉ. राजकुमार अग्रवाल ने अपने दिवंगत पुत्र नितेश अग्रवाल की स्मृति में गठित नितेश कुमार मेमोरियल लायंस पब्लिक स्कूल का बखूबी संचालन स्थापित किया। आंग्ल पद्यति से संचालित इस विद्यालय में वर्तमान में लगभग 600 ग्रामीण बच्चे विद्याअर्जन का लाभ उठा कर अपने भविष्य को अद्भुत ठंग से संवार रहे हैं। सर्वसुविधायुक्त नवनिर्मित भवन ग्रामीण परिवेश में आधुनिक एवं अपरिहार्य शिक्षा का अद्भुत परिणामपूर्ण संदेश दे रहा हैं।
किंतु इन दिनों इसके संचालन में एक अजीब सी कठिनाई उत्पन्न हो गयी हैं। जिससे न केवल विद्याअर्जन करने वाले नन्हे-मुन्ने विद्यार्थी बल्कि उनके अभिभावक भी अजीब सी परेशानी महसूस कर रहे हैं। क्योंकि एकाएक एक व्यवसायी ने वहां पर वर्जित उद्योग रूपी व्यावसायिक इकाई स्थापना का कार्य प्रारंभ कर दिया हैं। बताया जा रहा हैं की वहां एक राइस मिल स्थापित करने की योजना बनाई जा रही हैं। प्रारंभिक कार्य के शुभारंभ से ही वहां फैले प्रदूषण और लाकर पाटी गयी राखड़ ने सटे विद्यालय परिसर में प्रवेश कर छात्रों का जीना मुहाल कर दिया हैं।
नितेश कुमार मेमोरियल लायंस पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर पीएमजेएफ लायन डॉ. राजकुमार अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया की इस संबंध में पर्यावरण संरक्षण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी सहित कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग करी गयी थी। कलेक्टर के निर्देश पर पर्यावरण विभाग ने राईस मिलर को मोहलत देने के बाद उसका काम पूरा हो जाने के बाद राखड़ डंप बंद कराया, लेकिन आरोप लगाते हुए बताया जा रहा हैं की राईस मिलर की मनमानी चरम सीमा पर है। उसके द्वारा राखड़ डंप के कारण वह रास्ता बंद हो गया, जो पानी निकासी के लिए विद्यालय के डायरेक्टर लायन राजकुमार अग्रवाल ने लाखों रूपए खर्च कर बनवाया था। राईस मिलर ने पानी निकासी का रास्ता राखड़ से पाट दिया, जिसके कारण पानी सीधा विद्यालय परिसर में प्रवेश कर रहा हैं। कुछ दिन बाद विद्यालय प्रारंभ हो जाएगा, ऐसे में बच्चों को भारी-परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस संबंध में अभिवावको ने चिंता प्रकट करते हुए कहा हैं की सेवा भावना से संचालित इस विद्यालय से गरीब ग्रामीण बच्चो का बेहतर भविष्य स्थापित हो रहा हैं। नियमानुसार विद्यालय परिसर से लगे प्रतिबंधित 100 मीटर के दायरे में ऐसे उद्योगों की स्थापना ही अनुचित हैं, परंतु एक राईस मीलर ने मनमानी एवं तानाशाही की हद कर दी। यहां सैकड़ों टन राखड़ को अवैध ढंग से पहले डंप किया, जिसके कारण पानी निकासी अवरूद्ध हो गई और स्कूल से लगी पहाड़ी से एक घंटे की बारिश में ही तेज रफ्तार से पानी स्कूल परिसर में प्रवेश कर गया। इस राखड़ संकलन से ग्रामीण भी परेशान हैं। कहा जा रहा हैं की यही हाल रहा तो बारिश के दिनों में विद्यालय डूब जाने की आशंका बलवती है।

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