Wednesday, September 17, 2025

 *छत्तीसगढ प्रांत के ख्यातिलब्ध आयुर्वेद चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया आश्विन (क्वांर) मास में कैसा रहे खान-पान कैसी रहे दिनचर्या ।*

हिंदी मासानुसार आश्विन (क्वांर) माह का आरंभ 8 सितंबर 2025 सोमवार से हो गया है। जो 7 अक्टूबर 2025 मंगलवार तक रहेगा। आयुर्वेद अनुसार प्रत्येक माह में विशेष तरह के खान-पान का वर्णन किया गया है जिसे अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते हैं। इसी विषय पर छत्तीसगढ़ प्रांत के ख्यातिलब्ध आयुर्वेद चिकित्सक नाड़ी वैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया की भारतीय परंपरा में ऋतुचर्या यानी ऋतुनुसार आहार-विहार करने की परंपरा रही है। यह संस्कार हमें विरासत में मिला है। अभी आश्विन (क्वांर) मास का प्रारंभ 8 सितंबर 2025 सोमवार से हो गया है। जो 7 अक्टूबर 2025 मंगलवार तक रहेगा। इस अंतराल में हमें अपने आहार-विहार पर विशेष ध्यान देना चाहिये। आश्विन (क्वांर) मास में बादल छट जाने से आसमान साफ एवं सूर्य चमकदार हो जाता है।जिसके कारण आयुर्वेदानुसार पित्त दोष का प्रकोप होता है। जिससे पित्त जनित रोग एवं त्वचा संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में हमे पित्त शामक खाद्य पदार्थों एवं मधुर तथा तिक्त रस वाले, हल्के और ठंडे गुणों से युक्त आहार का सेवन करना चाहिये। पित्त वर्धक खाद्य पदार्थों एवं कड़वे, कसैले रस युक्त आहार से परहेज करना चाहिये। इस माह में करेले का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिये इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। इस माह में गुड़ का सेवन करना हितकारी होगा। हमारे छत्तीसगढ़ में लोकोक्ति भी हैं की

“क्वांर करेला कार्तिक महि”

“मरही नही त परही सही”

अर्थात- क्वांर (आश्विन) मास में करेला खाने वाला, तथा कार्तिक मास में महि (छाछ) का सेवन करना वाला मरेगा नहीं तो बीमार अवश्य पड़ेगा।

 

*आहार-*

*क्या खाना चाहिये- विशेष रूप से गुड़, अनाजों में जौ, ज्वार, चांवल, दालों में’ मूंग, मोंठ, तुअर, मसूर, चना दाल, मौसमी फल – मौसंबी, अन्नान्नास, बरसाती तरबूज, सफेद अनार, सीताफल नारियल आदि। सब्जियों में- परवल, तरोई, लौकी, कद्दू, लौकी, पुदीना, चौलाई आदि साथ ही मसालों में काली मिर्च, हल्दी, जीरा, सूखा धनिया, मीठा नीम, हल्दी, इलायची तथा पतली दालचीनी का सेवन करना चाहिये।*

 

*क्या नहीं खाना चाहिये- विशेष रूप से करेला, अनाज में बाजरा, गेंहू, दालों में उड़द एवं कुलथी दाल, सब्जियों में ककड़ी, बैंगन, गाजर, मूली, फूल गोभी, पत्ता गोभी, पालक, चुकंदर ,अदरक साथ ही फलो में शकरकंद, पपीता तथा ज्यादा तेल मिर्च मसाले वाले, देर से पचने वाले भारी भोजन एवं बासी भोजन का सेवन कम से कम ही करना चाहिए।*

 

*जीवनशैली- इस माह में सूर्य के प्रकाश में रहने, धूप में घूमने, दिन में शयन करने एवं अधिक भोजन (ओवर ईटिंग) से बचाव करना चाहिये। शरीर को ढक कर रखना चाहिये। हल्के गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिये।*

 

फोटो- नाड़ी वैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा।

प्रति,

संपादक/ब्यूरो प्रमुख

उपरोक्त प्रेस विज्ञप्ति को यथोचित स्थान देने की कृपा करें।

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