Friday, November 28, 2025

Vikram-I launch : भारत का स्पेस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा, PM मोदी ने Vikram-I पेश किया

Vikram-I launch : भारत का स्पेस सेक्टर एक नई ऊंचाई छू रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हैदराबाद में Skyroot Aerospace के Infinity Campus का उद्घाटन किया और देश के पहले निजी रॉकेट Vikram-I को लॉन्च करते हुए Gen-Z इनोवेटर्स की सराहना की। PM मोदी ने कहा कि नई पीढ़ी भारत को स्पेस टेक्नोलॉजी में नई दिशा दे रही है और देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रही है।

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300 से अधिक स्पेस स्टार्टअप्स—भारत का बढ़ता अंतरिक्ष इकोसिस्टम

PM मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि आज भारत में 300+ स्पेस स्टार्टअप्स सक्रिय हैं, जो देश के स्पेस रेवोल्यूशन को तेज गति दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि—

“Gen-Z भारत की स्पेस कहानी बदल रहा है। वही असली Private Space Revolution के अग्रदूत हैं।”

भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है, जिसमें स्पेस सेक्टर की भूमिका लगातार बढ़ रही है।

Skyroot Aerospace का Infinity Campus—निजी स्पेस मिशन का नया हब

हैदराबाद में लॉन्च किया गया यह कैंपस भारतीय निजी स्पेस मिशनों के विकास, टेस्टिंग और लॉन्च की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।Skyroot पहले भी Vikram-S लॉन्च के साथ इतिहास रच चुका है और अब Vikram-I से भारत के निजी स्पेस प्रयासों में नई गति आएगी।

Vikram-I रॉकेट: क्या है खास?

Skyroot का Vikram-I भारत के निजी लॉन्च व्हीकल उद्योग के लिए मील का पत्थर है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ—

  • किफायती लॉन्च समाधान

  • छोटे सैटेलाइट्स के लिए विशेष डिजाइन

  • तेज मिशन तैयारी क्षमता

  • आने वाले वर्षों में कमर्शियल लॉन्च की संभावनाएँ

यह रॉकेट भारत को सैटेलाइट लॉन्च मार्केट में और भी प्रतिस्पर्धी बनाने की क्षमता रखता है।

Gen-Z वैज्ञानिकों व इंजीनियरों की पीएम द्वारा प्रशंसा

PM मोदी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी—इनमें से अधिकतर Gen-Z—

  • अपनी इनोवेशन क्षमता से

  • साहसिक प्रयोगों से

  • और स्टार्टअप माइंडसेट से

भारत को अंतरिक्ष तकनीक में एक नई पहचान दे रही है। उन्होंने कहा कि इन युवाओं की वजह से भारत “Space 2.0 Era” में मजबूती से प्रवेश कर रहा है।

निजी क्षेत्र की भूमिका हुई और मजबूत

सरकार की स्पेस पॉलिसी और निजी निवेश को बढ़ावा देने वाले कदमों से—

  • स्पेस लॉन्च

  • सैटेलाइट टेक्नोलॉजी

  • और डीप-टेक सेक्टर

में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ी है। Skyroot, Agnikul, Dhruva Space जैसे स्टार्टअप्स आज भारत के स्पेस मिशनों की नई रीढ़ बन चुके हैं।

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