जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ दाखिल की गई 23 याचिकाओं पर सुनवाई पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिनों तक मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद (5 सितंबर) को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने मामले की सुनवाई की, जिसमें चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं।
आज कोर्ट में क्या-क्या हुआ…
आज मामले की सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने सबसे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन के हलफनामे पर चर्चा की।
सॉलिसिटर तुषार मेहता- उन्हें अकबर लोन का हलफनामा कल रात मिला है। उसमें साफ दिख रहा है कि जब आतंकी हमला हुआ था, तो लोन की सहानुभूति सिर्फ आतंकियों और सिविलयन लोगों के लिए थी। उन्होंने भारत का जिक्र ऐसे किया है, जैसे ये कोई विदेशी देश हो।
सॉलिसिटर तुषार मेहता– लोन के हलफनामे में ये बात होनी चाहिए कि वे इस बयान को वापस ले रहे हैं, वे आतंक का समर्थन नहीं करते हैं, वे किसी अलगाववादी गतिविधि का समर्थन नहीं करते हैं और इस देश का कोई नागरिक ऐसी बात नहीं कर सकता है।