बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया गया है. कारोबारी की ओर से कथित तौर पर सरकार और अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए उन्होंने सवाल पूछे.
“हमे इसके बाद सबूतों को जरूरत नहीं पड़ेगी”
इन सबके बीच गुरुवार को हुई एथिक्स कमेटी की बैठक के बाद कमेटी ने कहा कि इस मामले में महुआ मोइत्रा का पक्ष जानने और उनके पेश होने के बाद इस मामले में किसी और सबूत की जरूरत नहीं पड़ेगी.
हीरानंदानी का कबूलनामा आया था सामने
गौरतलब है कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी का बीते गुरुवार को एक कबूलनामा सामने आया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप सच्चे हैं. इसके साथ ही कबूल किया था कि पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए अदाणी को टारगेट किया गया था. इसके बाद महुआ मोइत्रा ने अपना बयान जारी कर इस हलफनामे का खंडन किया था. महुआ मोइत्रा ने X (पूर्व में टि्वटर) पर बयान जारी करते हुए कहा था कि महुआ मोइत्रा ने पूछा था कि हीरानंदानी ने ये हलफ़नामा किसे दिया है और अगर हलफ़नामा दिया, तो ये नोटरी पेपर या लेटरहेड पर क्यों नहीं?
महुआ मोइत्रा का जवाब