Bharatmala Scheme , रायपुर। भारतमाला परियोजना से जुड़े कथित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ED के रायपुर ज़ोनल ऑफिस ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत 29 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के रायपुर और महासमुंद जिलों में एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई रायपुर-विशाखापत्तनम हाईवे प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण में दिए गए कथित गैर-कानूनी मुआवजे के मामले को लेकर की गई।
कलेक्टर ने जिला स्तरीय सलाहकार एवं परामर्शदात्री समिति की त्रैमासिक बैठक ली
10 ठिकानों पर एक साथ छापा
ED की टीम ने इस मामले में आरोपी हरमीत सिंह खनूजा और उनसे जुड़े अन्य लोगों के घरों और दफ्तरों समेत कुल 10 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। जांच एजेंसी को संदेह है कि भारतमाला स्कीम के तहत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं और नियमों को ताक पर रखकर अवैध मुआवजा बांटा गया।
40 लाख रुपये नकद बरामद
छापेमारी के दौरान ED को 40 लाख रुपये नकद, कई डिजिटल डिवाइस और बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। एजेंसी ने सभी नकदी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। ED का मानना है कि यह नकदी अवैध मुआवजे और उससे जुड़े लेनदेन से संबंधित हो सकती है।
डिजिटल सबूतों से खुल सकते हैं बड़े राज
जांच अधिकारियों के अनुसार, जब्त किए गए मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइस की फॉरेंसिक जांच की जाएगी। इससे घोटाले में शामिल लोगों, पैसों के लेनदेन और संभावित नेटवर्क का खुलासा हो सकता है। दस्तावेजों में जमीन अधिग्रहण, मुआवजा वितरण और वित्तीय लेनदेन से जुड़ी अहम जानकारियां होने की संभावना जताई जा रही है।
ED का आधिकारिक बयान
ED रायपुर ज़ोनल ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतमाला स्कीम के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम हाईवे प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण में भारी अनियमितताओं के सबूत मिले हैं। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं।



