देश की राजधानी दिल्ली से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि केंद्र के अध्यादेश (Delhi Ordinance) पर आम आदमी पार्टी (AAP) को कांग्रेस (Congress) का समर्थन मिल गया है. इस संबंध में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर एक बड़ी बैठक चल रही है. जिसके बाद कांग्रेस की तरह से अध्यादेश के मुद्दे पर रुख सार्वजनिक किया जा सकता है.देश की राजधानी दिल्ली से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि केंद्र के अध्यादेश (Delhi Ordinance) पर आम आदमी पार्टी (AAP) को कांग्रेस (Congress) का समर्थन मिल गया है. इस संबंध में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर एक बड़ी बैठक चल रही है. जिसके बाद कांग्रेस की तरह से अध्यादेश के मुद्दे पर रुख सार्वजनिक किया जा सकता है.
केजरीवाल ने कहा था कि, असंवैधानिक अध्यादेश के जरिए दिल्ली के लोगों और दिल्ली सरकार का अधिकार छीना गया है. कांग्रेस को इतना समय क्यों लग रहा है? कांग्रेस को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए कि वो संविधान के साथ खड़े हैं या बीजेपी के? दरअसल, दिल्ली सीएम केजरीवाल केंद्र के लाए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन मांग रहे हैं. अगर राज्यसभा में सीएम केजरीवाल को विपक्षी दलों का समर्थन मिलता है तो केंद्र के अध्यादेश को कानून बनने से रोका जा सकता है. इसी एजेंडे को लेकर सीएम केजरीवाल पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक में भी पहुंचे थे
केंद्र सरकार ने बीते महीने दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया था. दिल्ली की आप सरकार इसका विरोध कर रही है और इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बताया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस अध्यादेश के आने से पहले दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था.