Wednesday, October 16, 2024

तिरंगे को जलाने की तैयारी कर रहे हैं खालिस्तान समर्थक- भारत ने कनाडा से की कड़े कदम उठाने की अपील

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कनाडा में खालिस्तान मूवमेंट को खत्म करने को लेकर भारत सरकार लगातार कोशिशें कर रही है. इसके बावजूद यहां मौजूद कई अलग-अलग गुट भारत के खिलाफ प्रदर्शन करते रहते हैं. इसी बीच खालिस्तान समर्थकों ने ऐलान किया है कि वो 8 जुलाई को ओटावा में भारतीय हाई कमीशन और टोरंटो-वैंकूवर में दो वाणिज्य दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करेंगे. इसे लेकर भारत की तरफ से सख्त आपत्ति जताई गई है. भारत ने ट्रूडो सरकार से कहा है कि प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं.

भारत की तरफ से दी गई जानकारी
कनाडा में भारत विरोधी पोस्टर और राजनयिकों को मिल रही धमकियों के बीच भारत की तरफ से जस्टिन ट्रूडो सरकार से इससे निपटने की अपील की गई है. इसे लेकर कनाडा एंबेसी से हाई कमिश्नर को साउथ ब्लॉक बुलाया गया था, जहां उन्हें ताजा घटनाक्रम की जानकारी दी गई और भारतीय एंबेसी की सुरक्षा सुनिश्चित करने क कहा गया. इस दौरान कनाडा के हाई कमिश्नर को उस घटना की याद भी दिलाई गई, जब 23 मार्च 2023 को एंबेसी कैंपस में दो स्मोक ग्रेनेड फेंके गए थे.

दरअसल कनाडा में होने जा रहे विरोध प्रदर्शन को प्रतिबंधित संगठन एसएफजे आयोजित कर रहा है, जिसके बड़े नेता हरदीप सिंह निज्जर को कनाडा में गुरुद्वारे के बाहर 19 जून को गोली मार दी गई थी. निज्जर की 15 गोलियां मारकर हत्या की गई थी. निज्जर भारतीय एजेंसियों के रडार पर था, उस पर आरोप था कि वो सिख युवाओं कट्टरपंथी बनाकर भारत के खिलाफ साजिश रचने का काम करता था.

प्रदर्शन के दौरान भारतीय झंडे को जलाने की तैयारी
भारतीय एंबेसी ने कनाडा में स्थित तमाम अधिकारियों की सुरक्षा पर भी चिंता जताई है. कनाडा सरकार से कहा गया है कि वो भारतीय अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करे. भारत की तरफ से ये भी जानकारी दी गई है कि खालिस्तान अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज को जलाने की भी प्लानिंग की है. भारत की तरफ से कहा गया है कि 8 जुलाई को अगर प्रदर्शन हिंसक हो जाता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

कनाडा की तरफ से आया जवाब
भारत की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बाद कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने इसे लेकर ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने कहा, “कनाडा राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है. 8 जुलाई के विरोध प्रदर्शन के संबंध में ऑनलाइन प्रसारित कुछ प्रचार सामग्री के बाद कनाडा भारतीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है.”

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