मणिपुर पुलिस ने 20 केस सीबीआई को सौंपे हैं। इनमें दो मामले प्रमुख हैं, पहला- 7 साल के बच्चे को उसकी मां और आंटी समेत एंबुलेंस में जला दिया गया था। दूसरा- एक मैतेई महिला ने आरोप लगाया था कि 3 मई को कुकी नेताओं ने उसके साथ रेप किया था।
एक मामले की दो अलग-अलग एफआईआर
तोन्शिंग हेंगसिंग (7) को उसकी मां मीना हेंगसिंग और आंटी लीडिया लॉरेनबाम इंफाल के अस्पताल ले जा रही थीं। तोन्शिंग को सिर में गोली लगी थी। बच्चे की मां मैतेई थी और पिता कुकी है। वेस्ट इंफाल में 4 जून को भीड़ ने उनकी एंबुलेंस को आग लगा दी, जबकि सुरक्षा में पुलिस चल रही थी।
इस मामले में सीबीआई को दो एफआईआर सौंपी गई हैं। लाम्फेल में एक एफआईआर पुलिस की तरफ से कराई गई, दूसरी कांगपोकपी में बच्चे के पिता जोशुआ हेंगसिंग ने दर्ज कराई।
लाम्फेल की एफआईआर में हत्या की धारा लगाई गई, जबकि कांगपोकपी की एफआईआर में गैर इरादतन हत्या करने बात लिखी गई, जो मर्डर की श्रेणी में नहीं आता।
कांगपोकपी में दो दिन से महिलाओं का प्रदर्शन
मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार (18 अगस्त) को थोवाई कुकी गांव पर हमला हुआ था, जिसमें कुकी समुदाय के 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले के विरोध में कांगपोकपी में दो दिन से महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। ये महिलाएं NH-2 पर पोस्टर लेकर बैठी हैं।
इनकी मांग है कि पहाड़ी इलाकों में BSF और असम राइफल्स को तैनात किया जाए। इन लोगों ने विवादों में रहे सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को दोबारा लागू करने की मांग भी की है।
इंफाल में 7 विधानसभा के कुल 19 पुलिस स्टेशनों को AFSPA से बाहर रखा गया है, जो हिंसा से जूझ रहे इलाकों में सेना को व्यापक शक्तियां देता है।