Monday, December 29, 2025

शुक्र है कि अब पहले जैसी नहीं रही परिस्थितयांः किसान पूरण सिंह

कोरबा 24 दिसम्बर 2025/
पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम सिरकी में रहने वाले 90 वर्षीय किसान पूरण सिंह आज भी खेती-किसानी में सक्रिय हैं। बचपन से ही खेतों में मेहनत करते हुए उन्होंने अपनी पूरी उम्र इसी परंपरागत कृषि जीवन को समर्पित कर दी। 5 एकड़ जमीन पर खेती करने वाले पूरण सिंह जानते हैं कि सिंचाई साधन न होने के बावजूद धान का उत्पादन करना कितना कठिन काम होता है। वर्षों तक उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में मेहनत कर फसल खड़ी की, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती थी फसल को बेच पाना। वो समय याद करते हुए पूरण सिंह बताते हैं कि पहले उपार्जन केंद्रों में किसानों के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी। धान बेचने बैलगाड़ियों से केंद्र तक जाना पड़ता था और कई-कई दिनों तक वहीं डेरा डालकर इंतज़ार करना पड़ता था। फसल बेच भी लेते थे तो उचित कीमत नहीं मिल पाती थी, जिससे उनकी मेहनत का पूरा मूल्य उन्हें नहीं मिल पाता था।
लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। पूरण सिंह खुशी के साथ बताते है कि अब टोकन घर बैठे मिल जाता है। उपार्जन केंद्र में पेयजल, बैठने की व्यवस्था, ठहरने की जगह सब कुछ है। किसानों को सम्मान मिला है।
वे कहते हैं कि अब धान का समर्थन मूल्य मिलने के साथ ही अंतर राशि भी सरकार द्वारा दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार ने किसानों के कर्ज माफ किए और बकाया बोनस की राशि भी प्रदान की, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है।
आज 90 वर्ष की उम्र में भी किसान पूरण सिंह अपने अनुभव, मेहनत और बदली हुई व्यवस्था के सहारे खेती को नई ऊर्जा के साथ जारी रखे हुए हैं। उनके अनुसार-“सरकार की नई व्यवस्थाओं ने किसान की जिंदगी आसान कर दी है। अब खेती करना और फसल बेचना दोनों ही पहले से कहीं बेहतर हो गया है।”
यह कहानी सिर्फ पूरण सिंह की नहीं, बल्कि उन सभी किसानों की है जिनके जीवन में राज्य शासन के निर्देश पर बेहतर प्रशासनिक व्यवस्थाओं और योजनाओं ने नई उम्मीदें जगाई हैं।

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