पुलिस ग्राउंड में शारीरिक दक्षता परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को ट्रेनिंग देने वाले DSP संजय साहू का विवादित वीडियो सामने आया है। वे युवाओं को बता रहे हैं कि एसआई से बेहतर सूबेदार का जॉब है। भले ही शुरू में लगता है कि उनके बैच मेट थाने जाकर पैसा कमा रहे हैं। लेकिन, सूबेदार जिला मुख्यालय में रहता है और बड़ा पोस्ट है। शुरू में भले ही ऐसा लगता है कि पैसा नहीं मिल रहा है। लेकिन, आरआई बनने के बाद वह पूरे जिले का मालिक बन जाता है और सात-आठ टीआई उसके मुट्ठी में रहता है।
एसपी संतोष कुमार सिंह जिले में नशे के खिलाफ निजात अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के तहत पुलिस अफसर पुलिस ग्राउंड पहुंचे, जहां उन्होंने शारीरिक दक्षता परीक्षा की तैयारी कर रहे करीब दो सौ युवाओं को ड्रग्स नशीली दवाई और नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने नशे के दुष्प्रभाव से समाज, परिवार और खुद को होने वाले हानि के साथ सावधानी बरतने की सलाह दी और जागरूक किया ।
ट्रैफिक DSP ने कहा- एसआई से बेहतर है आरआई
ट्रैफिक DSP संजय साहू भी इन युवाओं को मोटिवेट करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि एसआई से आरआई बेहतर पद है। वे जिला मुख्यालय में रहते है, जो बड़ी पोस्ट है। जैसे मैं सूबेदार बना था फिर पांच-छह साल में आरआई बन गया और इसके बाद डीएसपी बन गया। भले ही ऐसा लगेगा कि सूबेदार का पद छोटा है और कहां से इसमें आ गया। क्योंकि उनके बैच वाले थाना जाकर सीधे पैसा कमाना शुरू कर देते हैं। कुछ समय बाद सूबेदार जब आरआई बनता है, तो वह पूरे जिले का मालिक बन जाता है। सात-आठ टीआई उसके अंडर में रहते हैं और पूरा जिला उसके मुट्ठी में रखता है। इसलिए वो बहुत बड़ी पोस्ट होती है।