मणिपुर मुद्दे पर सदन में विपक्ष के विरोध के दौरान राज्यसभा सभापति ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. संजय सिंह को बार-बार सभापति के आदेश की अवेहलना करने के कारण सस्पेंड किया गया है. संजय सिंह का यह निलंबन ऐसे समय में हुआ है, जब दिल्ली में नौकरशाहों पर नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश को लेकर भाजपा और आप आमने-सामने हैं.
मौजूदा संसद सत्र में संजय सिंह के राज्यसभा सदन से सस्पेंशन पर AAP मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर भाजपा की चले, तो संजय सिंह को जेल में डाल देते. संजय सिंह संसद में विपक्ष की बुलंद आवाज़ हैं. वे नारा लगाते हैं और पूरा विपक्ष एकजुट हो जाता है. ज़ाहिर-सी बात है कि संजय सिंह विपक्ष की आंखों में खटकते हैं. इसलिए वे पूरी कोशिश करेंगे कि संजय सिंह की आवाज़ बंद की जाए. लेकिन इन हथकंडों, सीबीआई, ईडी के दुरुपयोग, जो भी कर लें, भाजपा सरकार की वापसी मुश्किल है. सच की आवाज़ उठाते हुए अगर संजय सिंह सस्पेंड भी होंगे, तो कोई दुःख नहीं है. मुझे ज़्यादा तथ्यों की जानकारी नहीं है. अभी इस मामले में संजय सिंह और लीगल विंग के लोग देखेंगे कि क्या किया जा सकता है. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने मानसून सत्र के तीसरे दिन, सोमवार को भी मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद के दोनों सदनों में बयान देने और चर्चा की मांग जारी रखी. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई विपक्षी सांसदों ने उच्च सदन में नियम 267 के तहत मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने और प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए. खरगे के अलावा आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी इसी विषय पर कार्यस्थगन के नोटिस दिए.
विपक्षी दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद के भीतर वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले दो दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई थी.