मणिपुर मुद्दे पर लगातार पीएम मोदी को टारगेट कर रहा विपक्ष आज एक बड़ा पॉलिटिकल दांव खेलने जा रहा है। कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष आज लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि देश को मोदी सरकार में विश्वास नहीं है इसलिये वो अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस ने आज अपने सांसदों को व्हिप जारी करके सदन में उपस्थित रहने को कहा है।
अविश्नवास प्रस्ताव के लिए स्पीकर की अनुमति जरूरी
अविश्नवास प्रस्ताव के लिए 50 सांसदों की ज़रूरत होगी, इसलिये कांग्रेस ने व्हिप जारी करके ये सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि कहीं सांसदों की कमी ना पड़ जाए। अगर स्पीकर प्रस्ताव को अनुमति देते हैं तो इस पर चर्चा शुरू हो सकती है। प्रधानमंत्री को भी अविश्नवास प्रस्ताव पर जवाब देना पड़ेगा। विपक्ष इसी बहाने मणिपुर हिंसा का मामला उठाना चाहता है। हालांकि गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों के नेताओं को चिट्ठी लिखकर फिर दोहराया है कि सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है।
अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए विपक्ष प्रेशर गेम
यानी आज फिर से सदन में हंगामा होना तय है। विपक्ष को अविश्नास प्रस्ताव के लिए स्पीकर से मंज़ूरी लेनी होगी। बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष 2018 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था। इस बार प्रस्ताव के पीछे विपक्ष का मकसद अलग है। विपक्ष चाहता है कि अविश्नास प्रस्ताव के बहाने पीएम सदन में बोलें। अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए विपक्ष प्रेशर गेम खेल रहा है। लेकिन सरकार के लिए अविश्वास प्रस्ताव कोई टेंशन वाली बात नहीं है। कांग्रेस ने मणिपुर पर पहले चर्चा की मांग रखी। सरकार भी इस पर चर्चा के लिए तैयार हो गई तो विपक्ष ने पीएम के बयान की मांग जोड़ दी और अब अविश्नास प्रस्ताव का रास्ता पकड़ा है।
मणिपुर मुद्दे पर सरकार चर्चा के लिए तैयार
विपक्ष पीएम मोदी को टारगेट करने के लिए किस कदर अड़ा है वो इस बात से समझिये कि लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के सभापति, बार-बार विपक्षी दलों के साथ बात कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष तैयार नहीं है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों के नेताओं से फोन पर बात की लेकिन वो नहीं माने। गृहमंत्री अमित शाह ने पहले सदन में कहा, फिर दोनों सदन में विपक्ष के नेताओं को चिट्ठी लिखकर कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है।