अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद जिस बात का सबसे ज्यादा डर था, वही होना शुरू हो गया है. अजित पवार को सरकार में शामिल करने पर सीएम एकनाथ शिंदे की अपनी ही पार्टी शिवसेना में विरोध शुरू हो गया है. शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा, अजित पवार के साथ आने ने शिवसेना और बीजेपी दोनों के विधायकों में नाराजगी है. हमने सीएम को इस बारे में बता दिया है.
जब एकनाथ शिंदे बीते साल बगावत की थी, तो उनके गुट ने कहा था कि वे एनसीपी के साथ नहीं रह सकते, इसीलिए अलग हो रहे हैं. ऐसे में एनसीपी के सरकार में शामिल होने के बाद से ही शिंदे गुट में नाराजगी की खबरें आने लगी थीं. अब शिरसाट के बयान के बाद इन खबरों पर मुहर लग गई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सीएम और उपमुख्यमंत्री दोनों ने हमें आश्वस्त किया है कि सभी के साथ न्याय होगा.
एनसीपी के आने से शिंदे गुट में असमंजस
शिरसाट ने कहा, एनसीपी से कुछ लोग टूटकर हमारे साथ आएंगे यह मुझे पहले से ही पता था और मैंने यह बात सब से कहीं भी थी, लेकिन एनसीपी में इतनी जल्दी बगावत होगी यह नहीं सोचा था. हमें किसी और की जरूरत नहीं थी. अब हमारे अपने लोगों के बीच में असमंजस की स्थिति है.
शिवसेना नेता ने आगे कहा, एनसीपी के खाते में जो 9 मंत्री पद गए हैं. उनमें से कई ऐसे मंत्री पद थे जो शिवसेना-बीजेपी को आने वाले थे. हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि जो फैसला एक बार लिया जा चुका है उसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए. राजनीति में कंप्रोमाइज करना पड़ता है. मन मार के चलना पड़ता है.
उद्धव ठाकरे के साथ जाना पड़ा तो जाएंगे?
भविष्य में उद्धव ठाकरे के साथ फिर से जाने के सवाल पर शिरसाट ने कहा, हमारे मुख्यमंत्री जो बोलेंगे, हम वही करेंगे. मुख्यमंत्री अगर बोलेंगे कि हमें कुएं में कूदना या तो हम कुएं में भी कूद जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि हमसे ज्यादा नाराजगी बीजेपी के विधायकों में है.
एनसीपी के साथ कैसे करेंगे काम ?
शिवसेना पिछले साल जब महाविकास अघाड़ी से अलग हुई थी तो इसके लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार एनसीपी को ही ठहराया था. ऐसे में अब उनके साथ कैसे काम करेंगे, जब ये सवाल पूछा गया तो शिरसाट ने कहा, हमने एनसीपी को नहीं बुलाया है. वे खुद हमसे जुड़ने के लिए आए हैं तो हमारी विचारधारा मानी है. ऐसे में उन्हें हमारी बात भी माननी होगी.